लेखनी प्रतियोगिता -18-Feb-2024 "चंदा मामा"

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          "चंदा मामा" तू भी कितना अजब है चांद रोज बदलता अपना आकर।  कभी खुशी से फूल तू जाता कभी ग़मों से तिनका- तिनका घटता जाता।।  होती ...

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